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New Thoughts 25
हुकूमत बाजुओं के ज़ोर पर तो कोई भी कर ले,
जो सबके दिल पे छा जाए उसे इंसान कहते हैं…!!!
अगर हंसने मुस्कुराने के लिये आप ख़ुदा का शुक्र अदा नहीं करते.. तो आँखों मे आये आँसुओं के लिये उससे शिकायत का कोई हक़ नहीं है..!!
चलते रहने से ही सफलता मिलती हे
रुका हुआ तो पानी भी बेकार हो जाता
मुकाम वो चाहिए की जिस दिन भी हारु ,
उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो
तेरी नेकी का लिबास ही तेरा बदन ढकेगा ऐ
बंदे.. सुना है ऊपर वाले के घर, कपडो की दुकान
नहीं होती.!हुकूमत बाजुओं के ज़ोर पर तो कोई भी कर ले,
जो सबके दिल पे छा जाए उसे इंसान कहते हैं…!!!
अगर हंसने मुस्कुराने के लिये आप ख़ुदा का शुक्र अदा नहीं करते.. तो आँखों मे आये आँसुओं के लिये उससे शिकायत का कोई हक़ नहीं है..!!
चलते रहने से ही सफलता मिलती हे
रुका हुआ तो पानी भी बेकार हो जाता
मुकाम वो चाहिए की जिस दिन भी हारु ,
उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो
तेरी नेकी का लिबास ही तेरा बदन ढकेगा ऐ
बंदे.. सुना है ऊपर वाले के घर, कपडो की दुकान
नहीं होती.!